नैनीताल – केंद्रीय वन मंत्रालय को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अवैध निर्माण मामले को लेकर अब इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार ने एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंप दी है. केंद्र सरकार ने एनजीटी के समक्ष यह स्वीकार किया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर एरिया और बफर एरिया में अवैध इमारतों का निर्माण हुआ है.
जानकारी के अनुसार बता दें, वन विभाग के पीसीएफ राजीव भरतरी को इस मामले में गैर दिया गया है. वही ढिकाला जोन में वाइल्डलाइफ वार्डन का रेस्ट हाउस जो कि दो कमरों का था उसे बढ़ाकर छह कमरों का नया गेस्ट हाउस बना दिया गया. जिसे एनपीसीए और एनजीटी ने संज्ञान में लिया है…. वही टाइगर रिजर्व में पुराने भवन का मरम्मत करके पुराने स्वरूप में रखा जा सकता है ना कि उसका नव निर्माण किया जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यहां पर यह निकल कर आ रही है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में तत्कालीन बीजेपी सरकार के वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी इसका जिम्मेदार ठहराया है. हरक सिंह रावत इस समय कांग्रेस में है और वह इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित मानते हैं. उनका कहना है इससे पहले केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इसलिए सहमति की इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. अब वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे.