देहरादून – इन दिनों उत्तराखंड में लगातार एक तरफ प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं, तो दूसरी तरफ डॉक्टर के फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं. जिसके तहत टिहरी हो या पिथौरागढ़ हर जगह से फर्जी डिग्री लेके डॉक्टर बने बैठे व्यापारियों को पुलिस जगह-जगह से धर दबोच रही है. वहीं अब इस मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद ने 3 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही डॉक्टरों के दोबारा सत्यापन की बात भी कही है.
बताते चलें, अब परिषद पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए प्रत्येक डॉक्टर के दस्तावेजों का दोबारा सत्यापन करेगा. इसके लिए सत्यापन समिति बनाई जाएगी, जिसमें सेवा निर्मित आयुर्वेद अधिकारियों के अलावा परिवार परिषद के अधिकारी भी सम्मिलित रहेंगे. वही नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने फर्जी आयुर्वेद डॉक्टरों के मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार था। बताया जा रहा है कि जांच में सामने आया था कि आरोपी कर्मचारी 50 से 60 हजार रुपये गलत तरीके से फर्जी पंजीकरण करते थे। मामले के खुलासे के बाद भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने निलंबित कर दिया है। निलंबित कर्मियों में वैयक्तिक सहायक विवेक रावत, कनिष्ठ सहायक विमल प्रसाद, अंकुर माहेश्वरी शामिल है।