Uttarakhand : चुनाव का नतीजा आने से पहले उत्तराखंड में (CM Uttarakhand) मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई भ्रम नहीं था। पार्टी ने बीते साल 3 जुलाई को अप्रत्याशित फैसले में पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को मुख्यमंत्री बनाया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयोग विफल हो गया था। धामी ने आठ महीने के भीतर ताबड़तोड़ बैटिंग की। एंटी इन्कबेंसी पर काबू पाते हुए पार्टी को भारी जीत दिलाने में मददगार बने। कार्यवाहक मुख्यमंत्री का दायित्व निभा रहे पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उनके चुनाव हारने के बाद परिस्थितियां बदल गईं हैं। हालांकि पार्टी के कुछ विधायक और कार्यकर्ता धामी को ही बागडोर सौंपने की वकालत कर रहे हैं। भाजपा (BJP4UK) के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि नई सरकार के गठन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व जो भी दिशा-निर्देश देगा, उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
यह भाजपा (BJP) आलाकमान के सख्त अनुशासन का असर है कि कोई विधायक, नेता या समर्थक मुख्यमंत्री के नाम के लिए किसी के पक्ष या विरोध में खुलकर कोई बात नहीं कर पा रहा है। लेकिन अंदरखाने कुर्सी के लिए लॉबिंग तेज हैं। अटकलों का बाजार गरमाता जा रहा है। कुछ विधायकों के देहरादून पहुंचने तो कुछ के दिल्ली दौड़ लगाने की भी चर्चा है। देहरादून पहुंचे डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जिसे भी नेता चुनेगा, हम सब उसके साथ खड़े होंगे।
चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर विधायक मोहन सिंह नेहरा, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा और खानपुर विधायक उमेश शर्मा धामी के लिए अपनी विधायक की सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा धामी मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे गणेश जोशी और अरविंद पांडे ने भी बतौर मुख्यमंत्री धामी को समर्थन की घोषणा की है। फिलहाल गेंद भाजपा आला कमान के पाले में है।
पुष्कर सिंह धामी के लिए चार विधायक अपनी सीट छोड़ने को तैयार, CM की रेस में धामी आगे
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