Girls awareness – इस समय जो खबर हम आपके साथ साझा करना चाहते हैं, वह उत्तराखंड के लिए बहुत ही ज्यादा शर्मनाक है… कहने को लड़कियों का रेश्यो बढ़ रहा है पर असल में अभी भी ऐसे कई पिछड़े गांव है या कहें जिले हैं जहां पर लड़कियां बहुत ही कम अनुपात में पाई जाती हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के “पिथौरागढ़ जिले” की जहां पर सेक्स रेश्यो के अनुसार लड़कियों की संख्या सामान्य से कई कम है. जिसकी वजह से वहां पर सभी पुरुष शादी के लिए महिलाओं को ढूंढ रहे हैं. जिसके लिए वह आसपास के इलाकों के साथ नेपाल तक की भी दौड़ लगा रहे हैं और वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार बता दें, पिथौरागढ़ जिले में इस समय लड़कियों की संख्या बहुत ज्यादा कम है. जिस वजह से वहां के लड़के शादी के लिए नेपाल की दौड़ लगा रहे हैं. वर्ष 2020 में 5 और 2019 में 7 अनुपात दर्ज किया गया था. परंतु आज 2023 में भी यह अनुपात सुधर नहीं पाया है. इस वजह से वहां पर लड़के दर-दर भटक रहे हैं.
2021 के आंकड़ों पर नजर डालें
पिथौरागढ़ में 2021 में बच्चों के पैदा होने का अनुपात 1000 लड़कों की तुलना में 907 लड़कियों ने जन्म लिया था. वहीं इस साल अप्रैल से सितंबर तक यह संख्या 877 है. जिससे पता चलता है कि जिले में अनुपात अभी भी सामान्य नहीं हो पाया है. जबकि सरकार इसे हर संभव तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
जिसके केवल और केवल दो मुख्य कारण हो सकते हैं — या तो बेटियां कम पैदा हो रही हैं या तो लोग उन्हें अपनाना ही नहीं चाहते… जो कि भविष्य के लिए एक चिंताजनक स्थिति है.