चमोली – आप सभी लोग सोच रहे होंगे कि जोशीमठ की आपदा समाप्त हो गई… नहीं-नहीं ऐसा नहीं हुआ है. अभी भी यहां पर मुश्किलें बढ़ रही हैं, कम नहीं हुई है. जिसकी वजह से आज ही हाईवे के कई जगहों पर गहरे गड्ढे देखे गए हैं, तो तीन जगहों की शिलाएं भी खिसक रही है. आइए जानते हैं—
सोमवार को गांधीनगर में ऐसी जगहों की शिनाख्त की गई. जहां पर गहरे गड्ढे पाए गए… साथ ही 3 शिलाएं भी खिसकने की बात सामने आई. बता दें, पीजी कॉलेज गेट के पास भी जमीन पर दरारें आने से एक शिला नीचे खिसक रही है। जिससे आसपास रहने वाले परिवार डरे हुए हैं। शहर में भूधंसाव के बाद पहला गड्ढा रविग्राम वार्ड में हुआ था। उसके बाद बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी तिराहे के पास गड्ढा हो गया, अब हाईवे से सटे गांधीनगर में भी गड्ढे नजर आ रहे हैं, जिनकी चौड़ाई आधा फीट और गहराई लगभग दो फीट है। जमीन पर दरारें चौड़ी हो रही हैं। प्रभावित भवनों के नीचे शिलाएं खिसक रही हैं। शिलाओं की ऊंचाई छह से सात फीट तक और चौड़ाई तीन से चार फीट तक है।
जोशीमठ महाविद्यालय के गेट के पास भी जमीन पर दरारें आने से एक शिला खिसकने की स्थिति में आ गई है। इससे महाविद्यालय को भी खतरा है। शंकराचार्य मठ से नृसिंह मंदिर जाने वाले मार्ग पर भी जगह-जगह दरारें आ रही हैं। सिंहधार में पिछले दिनों खिसकी शिला से करीब दो मीटर की दूरी पर भूधंसाव हुआ है। लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी अधिकारियों को उनकी फिक्र नहीं है। खराब मौसम के दौरान अगर शिलाएं खिसकीं तो कई मकान तबाह हो जाएंगे। शिलाओं को खिसकने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। गड्ढों और खिसकती शिलाओं को लेकर स्थानीय निवासियों की दहशत बढ़ गई है। उधर, मामले को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।