Joshimath Sinking Update – प्रभावित किरायेदारों को मिल रही 50 हजार की धनराशि, चारों ओर खौफ का माहौल

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संवाददाता “आरती पांडे” की रिपोर्ट

चमोली – उत्तराखंड का जोशीमठ मौसम की परेशानी झेल रहा है, पहले भू-धंसाव की स्थिति थी. वही अब मौसम की भरमार शामिल है. जिसके चलते अभी 181 घरों को और टूटना बाकी है. जी हां, भले ही राज्य सरकार प्रभावितों को राहत देने की पूरी कोशिश कर रही है. परंतु अभी भी सभी लोगों की पूर्ण तरीके से सहायता नहीं हो पा रही है. वही फिलहाल अभी तक प्रभावित किरायेदारों को भी 50,000 की सहायता धनराशि दी जा चुकी है, ताकि वह अपना समान दूसरी जगह शिफ्ट करा सकें.

यह त्रासदी का माहौल देखकर अब फिर से एक बार केदारनाथ धाम की याद तो आती ही है. भले ही सरकार मदद के लिए आगे आ रही है. जिसके लिए 8 परिवारों को ₹400000 की धनराशि भी दी जा चुकी है. वहीं शुक्रवार को 14 और भवन इस सूची में जुड़ जाने के कारण भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है. जिसमें सेवन 181 भवनों को और असुरक्षित घोषित कर दिया गया है.

इसके अलावा आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि करीब 20 के भवनों को ध्वस्त जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिनकी संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है, अभी तक 650 कमरों में 2919 लोगों और पीपलकोटी में 491 कमरों में 2205 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है. जिसमें 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल है. जिन का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है. वही विस्थापित परिवारों के सदस्यों की संख्या 900 हो गई है. अब तक 218 परिवारों को 3 करोड़ 27 लाख की सहायता राशि प्रदान कर दी गई है. जिसके लिए मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर शिविरों में सभी कमरों में हीटर और बाहर अलाव भी जला दिए गए हैं. अब भले ही सरकार लोगों की मदद कर रही है परंतु ऊपर वाले ने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए हैं या कहे बंद कर दिए हैं. जोशीमठ के लोगों के लिए अपने दिलों के दरवाजे तभी तो वहां पर यह प्राकृतिक आपदा देखने को मिल रही है. लगता है- “यह उनके कर्मों का ही परिणाम है”

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