उत्तर प्रदेश -इन दिनों प्राचीन नगरी कहीं जाने वाली वाराणसी में “काशी शब्दोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत प्रदेशभर से साहित्यकार लेखक एवं भारतीय सिनेमा से जुड़ी हस्तियों ने इसमें अपने विचार प्रस्तुत किए हैं. साथ ही उद्घाटन के समय केरल के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान भी यहां उपस्थित रहे. वहीं इन्होंने गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के इस महोत्सव में कहीं बड़ी बातें कहीं. आइए जानते हैं—-
उन्होंने कहा भारत की संस्कृति ज्ञान पर आधारित है, शब्द अक्षर से बनता है, शब्द ही भारत की आत्मा और संस्कृति को परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि हमारी संस्कृति आदि काल से ज्ञान पर आधारित रही है, हम शब्द की शक्ति का उत्सव मनाने के लिए शिव की नगरी काशी में एकत्र हुए हैं, जोकि सबसे उपयुक्त स्थान है। उन्होंने नई तकनीक के माध्यम से शब्दों को सहेजने पर जोर देते हुए कहा कि कंप्यूटर इसमें कारगर भूमिका निभा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत किस ओर जा रहा है वर्तमान में इस बात का मंथन होना जरूरी है, ज्ञान भ्रम को दूर करता है काशी शब्दोत्सव इसमें मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता संस्कृति को देखने से पता चलता है कि यहां की समानता को समझना, एकता के निर्माण की प्रक्रिया पर चर्चा, संवाद जरूरी है। भारत का ज्ञान का मूल सार विश्व कल्याण है।