देहरादून – क्या आप जानते हैं उत्तराखंड के सीएम धामी इस समय बड़ी टेंशन में गिरे हुए हैं. यह टेंशन उन्हें कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दी है. जहां उन्होंने एक बार फिर से पुराना मुद्दा उठाया है और यह मुद्दा है. मुख्य सचिव को मंतव्य दर्ज करने का हक है, तो मंत्रियों को क्यों नहीं? जी हां, यह मुद्दा काफी पुराना है, जिसे कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उठाया है.
आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कुछ कहा है..
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी कैबिनेट मंत्रियों को सचिवों के एसीआर पर अपना मंतव्य अंकित करने का अधिकार मिलना चाहिए. इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता आने के साथ-साथ विभागों की समीक्षा भी इस सही प्रकार से की जा सकेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी पूर्वर्ती एनडी तिवारी सरकार में मंत्रियों को अवसरों की एसीआर लिखने का अधिकार था, तो इस परिपाटी को पुनः लागू करने में किसी को क्या परेशानी हो सकती है. आगे उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि एसीआर पर मुख्यमंत्री का मंतव्य अंतिम फैसला माना जाता है, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं है कि मंत्री अपना मंतव्य अंकित नहीं कर सकते. उन्होंने अदालत का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोई मुकदमा चलता है तो लोअर कोर्ट, सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट इन सब का मंतव्य उसमें आता है. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट चाहे जो निर्णय लें यह उनके हाथ में होता है. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से जवाबदेही की बात की है.