बिजली कर्मचारियों की हड़ताल तो सरकार के पावर हाउस से लेकर सब स्टेशन संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम

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उत्तराखड: बिजली कर्मचारियों की छह अक्तूबर को प्रस्तावित हड़ताल है जिसकी वजह से सरकार की ओर से पावर हाउस से लेकर सब स्टेशन आदि संभालने के लिए पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है किन्तु इसके बावजूद भी यदि पावर हाउस चलाने का इंतजाम न हुआ, तो बिजली उत्पादन का बड़ा भारी नुकसान हो सकता है । पिछली बार एक दिन की हड़ताल से ही बिजली उत्पादन से लेकर पावर सप्लाई सिस्टम पटरी से उतर गया था। करोड़ों का बड़ा नुकसान हुआ था। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य और पेयजल पर भी असर पड़ सकता है।
केंद्र सरकार के उपक्रमों के जरिए पावर हाउस चलाने का दावा किया जा रहा है। दूसरे विभागों से कर्मचारी, इंजीनियर बुलाए जा रहे हैं। जल निगम, जल संस्थान, लोनिवि, सिंचाई विभाग से स्टाफ मंगाया जा रहा है। बावजूद इसके जानकार इन तैयारियों को बहुत अधिक पुख्ता नहीं मान रहे हैं।

ऊर्जा के तीनों निगमों में कर्मचारियों की हड़ताल का सामना करने के लिए निगम प्रबंधन और शासन ने भी कमर कस ली है। एक ओर जहां कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की सख्ती करने की तैयारी है तो दूसरी ओर निगमों में नियुक्ति और वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी खूब कसरत चल रही है। हड़ताल के बीच व्यवस्था बनाने के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) प्रबंधन ने हड़ताल के विकल्प के तौर पर असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियरों के पदों पर अस्थायी भर्ती निकाली है। भर्ती की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह भर्ती पूर्ण रूप से अस्थायी और एक वर्ष के लिए होगी । भर्ती के लिए चार और पांच अक्तूबर को इंटरव्यू लिए जाएंगे ।

ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य में एक घंटे भी बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम कर लिए हैं। हर पॉवर हाउस का संचालन किया जाएगा। इधर, कर्मचारियों के पक्ष में कई कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल के समर्थन की घोषणा की है। जल निगम डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने साफ कर दिया है कि संघ अपने लोगों की जान जोखिम में नहीं डालेगा।

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