संवादाता “आरती पांडे” की रिपोर्ट…
चमोली – जोशीमठ का चमोली इलाका आपदा से ग्रसित है… अब तो यह एक कॉमन टॉपिक बन चुका है, सभी लोगों के बीच का…. जिसमें सभी को पता है कि वहां पर क्या स्थिति है मकानों की और दरारों की…. जगह-जगह दरारें पड़ रही हैं तो गड्ढे भी हो रहे हैं. इसी बीच पानी के रिसाव में भी तेजी होती जा रही है. सिंपल और सीधा हम कह सकते हैं कि जोशीमठ धीमा-धीमा कर के मर रहा है. आखिर इसकी असल वजह क्या है कि वहां पर लगातार पानी का रिसाव हो रहा है आइए जानते हैं—
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पानी के रिसाव की स्थिति 3 जनवरी को 550 एलपीएम थी और 4 जनवरी को 550 थी, 5 जनवरी को भी यही थी, 6 जनवरी को 540 हो गई, तो 7 जनवरी को 500 हो गई…. देखते ही देखते पानी का रिसाव तो कम हो रहा है. परंतु बंद नहीं हो रहा है इसकी असल वजह क्या है इस बात का खुलासा खुद-ब-खुद वैज्ञानिक भी नहीं लगा पा रही हैं. यह एक पहेली बन चुका है. वही सचिव आपदा प्रबंधन से जब हमारी टीम ने बातचीत की तो इस पर डॉ रंजीत सिन्हा ने कहा कि एनजीआरआई ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है. आशंका बताई जा रही है कि ऊपरी क्षेत्र का पानी ही जेपी कॉलोनी में बाहर आ रहा है. यह सिर्फ शुरुआती आकलन है फिलहाल फाइनल रिपोर्ट आने का इंतजार है उसके बाद ही इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है.