उत्तराखंड – वीरों की यह भूमि को हमारा शत-शत नमन! ….एक बार फिर से उत्तराखंड की है पवित्र धरती गर्व से गौरवान्वित होगी. जिसका श्रेय उत्तराखंड के दो जांबाज सपूतों को जाता है. जिन्होंने देश के लिए कुर्बान होकर अपना नाम तो कमा ही लिया है. उसके साथ उत्तराखंड को भी गर्व से गौरवान्वित कर दिया है. बता दे कि 8 फरवरी को मध्यप्रदेश स्थित जबलपुर छावनी में उन्हें सेना पदक से सम्मानित किया जाएगा.
आइए जानते हैं कौनसे वीर सपूतों की हम बात कर रहे हैं…
सबसे पहले नंबर पर है हरिद्वार निवासी हवलदार शहीद सुमित कुमार सैनी जिन्हें मरणोपरांत सम्मान से सम्मानित किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्वी सेक्टर में ऑपरेशन चौका के लिए हाई एल्टीट्यूड एरिया में प्लांट इक्विपमेंट प्रोजेक्ट में वाहन चलाते थे। 24 सितंबर 2021 को जेसीबी से लदा वाहन एक अंधे मोड़ की ओर आ रहा था। इस दौरान उन्होंने जान की परवाह न करते हुए सोनित ने अपने साथी जवान नायक गुरजंट सिंह के साथ अपना वाहन सेना के दूसरे वाहन से दूर 500 फीट गहरी खाई की ओर मोड़ दिया। उनके इस निर्णय से सातों जवानों की जिंदगी तो बच गई। लेकिन, उनका वाहन गहरी खाई में गिरने से सोनित कुमार सैनी और गुरजंट सिंह शहीद हो गए।
दूसरे नंबर पर हैं कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद जिन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा. जिन्होंने वह कॉम्बैट एक्शन टीम के साथ 11 अक्तूबर 2021 की रात गांदरबल जिले में ड्यूटी पर थे। सुबह साढ़े चार बजे आतंकवादियों ने खुले में तैनात सैनिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सेना ने जवाबी फायरिंग की तो आतंकवादी भाग निकले। लेकिन, हवलदार भूपेंद्र चंद ने फायरिंग कर भाग रहे आतंकवादियों का न सिर्फ सामना किया बल्कि अदम्य साहस से हमला विफल कर दिया। इस अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया जा रहा है।