संवाददाता “आरती पांडे” की रिपोर्ट..
जौनसार – हिमाचल बॉर्डर से लगा हुआ जौनसार इलाका यह इलाका मुस्लिम गुर्जरों एवं जमीयत ए हिंद की गिरफ्त में काफी समय से चल रहा था. दरअसल यह गुज्जर यहां पर बस चुके थे और अपना खानाबदोश रहकर अपने पशुओं के चारे के लिए जंगल मार्ग तय करते थे, लेकिन देखते ही देखते यहां पर भूमि कबजाने का सिलसिला शुरू हो गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और विरोध में वन विभाग ने यह जमीन ध्वस्त कर डाली.
जानकारी के मुताबिक, यह सिलसिला कई सालों से चला रहा था. यहां पर देवबंद से आने वाले मौलवियों ने मदरसे खोल रखे थे और धीरे-धीरे कालसी, चकराता, त्यूणी, विकास नगर मार्ग पर आधा दर्जन मदरसे कई कब्रिस्तान और मजारे बन चुके थे. जिसके खिलाफ स्थानीय लोग अक्सर वाद-विवाद करा करते थे. वही यहां के लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों का घेराव किया और वन भूमि में मदरसों और मजारों को हटाने के लिए ज्ञापन दिए. जिसके बाद जैसे-तैसे करके यह ज्ञापन वन विभाग ने सौंपा और आखिरकार उन जमीनों को ध्वस्त कर दिया. वही इस पर सीएम धामी का कहना है कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने 1 पीडब्ल्यूडी राजस्व विभाग की एक टास्क फोर्स बनाई है, जो कि अवैध कब्जों को हटाइए और सरकारी भूमि को संरक्षित करे.
कहां कहां हुए मुस्लिम वन गुज्जरों के अवैध कब्जे
1- जौनसार बावर के हनोल(राटा) में चालीस बीघा रिजर्व फोरेस्ट की जमीन पर कब्रस्तान,ईदगाह
2-चादनी रोड़ पर तीस बीगा लगभग भूमी रिजर्व फोरेस्ट की भूमी पर ईदगाह व कब्रस्तान
3-जौनसार बावर के पुरानी कालसी में 02 है० भूमी पर कब्रस्तान
4-अवैध सुनीर में मदरसा
5-अवैधचांती में मदरसा
6-अवैधचांदनी में मदरसा
7-अवैधहेड़सु में मदरसा
8-अवैध पलासु में मदरसा
9-अवैध हटाल में मदरसा
10-अनैध चातरा में मदरसा
11- चकराता में मस्जिद
12-पुरटाड़ में मस्जिद