उत्तराखंड – कुछ ऐसे कराएं “सैनिक स्कूल” में एडमिशन, जाने प्रोसीजर..

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नैनीताल – यदि आपका भी सपना है अपने बच्चों को सैनिक स्कूल में पढ़ाने का …उनका एक बेहतर भविष्य बनाने का… तो आप जान लीजिए कि किस तरीके से सैनिक स्कूल में एडमिशन कराए जाते हैं. वैसे तो यहां पर जो परीक्षा आयोजित की जाती है. वह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा आयोजित की जाती है, इसके माध्यम से ही देश के सभी सैनिक स्कूलों को आठवीं और नौवीं कक्षा में एडमिशन लिया जाता है. अब हम आपको बताते हैं कि छात्र की कितनी उम्र होनी चाहिए. वैसे तो छठी कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वह इसके अलावा कक्षा में दाखिला लेने के लिए बच्चे की उम्र 13 से 15 साल के बीच में होनी चाहिए. देश के सैनिक स्कूलों में अब बेटियों का भी एडमिशन शुरू हो गया है. बेटियां सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए भी आवेदन कर सकती है.

ऐसे होता है admission

बता दें, सैनिक स्कूल में परीक्षा के द्वारा कंडक्ट कराई जाती है. जिसके लिए वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म निकाले जाते हैं. जिसमें जो भी छात्र अपने एडमिशन कराना चाहते हैं. वह ईमेल आईडी और फोन नंबर के जरिए अपना फॉर्म भर सकते हैं. वही इस ईमेल आईडी या फोन नंबर पर विभिन्न प्रकार की सूचनाएं भेजी जाती हैं. प्रवेश परीक्षा से पहले फॉर्म भरने के लिए एप्लीकेशन फीस भी लगती है. जिसमें एसटी और एससी वर्ग के लिए ₹400… सामान्य, ओबीसी और अन्य सभी वर्गों के लिए ₹550 शुल्क लगता है.

पेपर का पैटर्न समझ लीजिए

सैनिक स्कूल के लिए 6ठी कक्षा के पेपर कई क्षेत्रीय भाषाओं में होते हैं। इसमें मैथ्‍स के 50 प्रश्‍न, इंटेलिजेंस के 25 प्रश्‍न, भाषा के 25 प्रश्‍न, जीके के 25 प्रश्‍न होते हैं। ये पूरी परीक्षा 300 अंकों की होती है। 150 मिनट में आपको पेपर पूरा करना होता है। नौवीं कक्षा के लिए होने वाले पेपर में मैथ्‍स के 50 प्रश्‍न, इंटेलिजेंस के 25 प्रश्‍न, इंग्लिश के 25 प्रश्‍न, जनरल साइंस के 25 प्रश्‍न और सोशल साइंस 25 प्रश्‍न पूछे जाते हैं। ये पेपर कुल 400 अंकों का है। पेपर की अवधि 180 मिनट है। 9वीं कक्षा के लिए परीक्षा सिर्फ अंग्रेजी माध्‍यम से होती है।

एंट्रेंस एग्जाम में कितने पासिंग मार्क्स चाहिए होते हैं

आपको कम से कम 40 प्रतिशत अंकों से ये परीक्षा पास करनी होगी। साथ ही, पेपर के प्रत्‍येक खंड में कम से कम 25 प्रतिशत अंक प्राप्‍त करना जरूरी हैा। बाद में सभी क्‍वालिफाइड छात्रों की एक कंपेरेटिव मेरिट बनती है। इसके बाद चुने गए स्‍कूल में आपकी कैटेगरी, मेडिकल फिटनेस और डाक्‍यूमेंट्स के वेरिफिकेशन को देखते हुए अंतिम चयन किया जाता है।

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