होलिका दहन 2023 – इस समय हर किसी के मन में बस एक ही कंफ्यूजन बनी हुई है कि होलिका दहन 6 मार्च को बनाए या 7 मार्च को…… जिसको लेकर लोगों के मन में ही नहीं बल्कि पंडितों के बीच में भी मतभेद देखने को मिल रहे हैं. कुछ लोग इसे 6 मार्च को मनाना अच्छा मत बता रहे हैं तो कुछ लोग ऐसे 7 मार्च को दहन करना ठीक बता रहे हैं. अब हम आपको बताते हैं कि कौन सा मुहूर्त शुभ है. जिस समय आप होलिका दहन कर सकते हैं और इसे स्वयं पंडितों ने भी प्रमाणित कर दिया है कि आप इस दिन करेंगे तो यह सुखद एवं फलदाई होगा….
हम बात करेंगे, अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्णदत्त शर्मा की जिन्होंने कहा है कि फागुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार दिन में प्रतिपदा में चतुर्दशी और भद्रकाल में होलिका दहन नहीं होता है. इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 6 मार्च से शुरू होकर 7 मार्च तक है. 6 मार्च को पूर्णिमा प्रदोष व्यापिनी है, जबकि यह 7 मार्च यानी मंगलवार को 6:10 तक ही रहेगी. यह प्रदोष काल 6:24 सायं को स्पर्श नहीं कर रहा है. साथ ही यहां प्रतिपदा पूर्णिमा के मान से कम होने के कारण हृास गामिनी भी है. ऐसी स्थिति में भद्रा का विचार नहीं किया जाता है 6 मार्च सोमवार को ही रात्रि 8:00 से 8:55 तक होलिका का दहन शुभ माना जाता है और इसी दिन ही होलिका दहन की जानी चाहिए.